लीजिए जनाब एक सर्वे हुआ । अरे हुआ तो क्या हुआ सर्वे तो रोजाना ही होते रहते हैं । सर्वे हमारे देश के साथ-साथ 12 देशों के युवाओं को शामिल कर किया गया है । अरे तो इसमें अनोखा क्या है । हमारे देश के युवा विदेश भागनें की फिराक में लगे रहते हैं । अरे पुरी बात तो सुनों सर्वे में जो 12 देश शामिल किए गए वे थे –भारत, जर्मनी, फ्रांस, मेक्सिकों, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, स्पेन, रूस, ब्राजील, अमेरिका, इटली और चीन । तो इसमें अपना इंडिया कहां हैं ? अरे भारत क्या इंडिया नही है ? ना मैं तो यह जानता हूँ कि हिन्दूस्तान गांवों में और इंडिया शहरों में बसता है । भारत शायद संविधान की मोटी किताब में बसता होगा ।
अरे छोड़ो बात तो सुनों । हां-हां सुनाओं आपका सर्वे क्या कहता है ? अरे सर्वे मेरा नहीं हैं, सर्वे तो किया है मैक्स बुपा हेल्थ इंश्योरेंस ने । जिसमें लोगों से पूछा गया कि उन्हें सबसे ज्यादा किससे डर लगता है ? तब तो उत्तर में युवाओं ने कहा होगा –हम किसी से नहीं डरते । अरे न... न... । तो फिर आतंक या जान जाने का डर होगा । अरे मेरे भाई जो डर निकला वह था बीमारी का डर । क्या बीमारी का डर ? युवा किसी बीमारी से डर गए । सुन कर ऐसा लगता है जैसे किसी बीमा एजेंट ने सर्वे किया हो ? अरे मेरे भाई सर्वे बीमा कंपनी ने ही तो किया है और सवाल युवाओं से किए गए हैं । अच्छा तब तो युवाओं को डरना ही था, ये बीमा वाले तो सभी को डराते ही हैं । तो आपनें सर्वे की बात नहीं सुननी । अच्छा.... अच्छा.... सुनाओं ।
तो सर्वे में पता चला कि हमारें युवाओं का दिल बड़ा कमजोर है । 25 फीसदी युवा मानते है कि उन्हें यह चिंता सताती है कि कहीं बुढ़ापे में उन्हें दिल का रोग ना हो जाए । कमाल है जिस रोग का डर युवावस्था में होता है और शत-प्रतिशत को हो सकता है, उससे बुढ़ापें में डर । बात कुछ हजम नहीं हो रही । मियां यदि बात को इसी तरह सुनोगे और बार-बार टोकोगे तो हजम नहीं होगी । ये युवा तो दिल की बीमारी से बीमार होने से डर रहे हैं । अच्छा तो बाकी 75 प्रतिशत तो निडर है । ये तो पता नहीं लेकिन 24 फीसदी बुढ़ापें में डायबीटीज होने से डरते हैं और 16 फीसदी को कैंसर से डर लगता है । चलो यह सुनकर अच्छा लगा कि कम से कम 35 प्रतिशत तो निडर है । अरे मैंनें ऐसा कब कहा ? तो फिर शत-प्रतिशत डरते हैं क्या ? ओफ्फों..... मुझे यह भी नहीं पता । तो फिर क्या पता है ?
यही कि इन सभी 12 देशों के 34 प्रतिशत युवा कैंसर से और 23 प्रतिशत अल्जाइमर्स जैसी बीमारियों से डरते हैं । अरे भैया तो फिर डराते क्यूँ हो, बस इतना कह देते कि 43 प्रतिशत युवा इन देशों में निडर है । वे किसी भी बीमारी से नहीं डरते ।
हां यही समझों, लेकिन यह भी जान लों कि इस सर्वे में सभी 12 देशों के 12262 लोगों से वृद्धावस्था के बारे में भी जानकारी ली गई थी । मजेदार बात ये है कि इनमें से कई देशों के 65 वर्ष से अधिक आयु के 67 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे अपने को चुस्त-तंदुरूस्त मानते हैं बूढ़ा नहीं । तो फिर तुम्हारें पेट में दर्द क्यों हो रहा है । अच्छा है बुढे़ जवान और जवान बुढ़े हो गए हैं । लो यह भी जान लों 70 से 80 वर्ष के जवां क्या कहते हैं ? कहतें हैं कि दिल से अभी तो मैं जवान हूँ ।
जरूर अशोक कुमार की फिल्म देखी होगी शौकीन ।
अब चुप क्यों हो गए और कुछ नहीं है बतानें को । अरे कुछ तो बोलों । क्या बोलुँ ? फिर कहोगें कि डरा रहा हूँ । नहीं .... नहीं....... अब कुछ नहीं कहूँगा । तो सुनों, सर्वे कहता है कि भारत के 53 प्रतिशत लोग बुढ़ापें को सहज भाव से लेते हैं और दार्शनिक अंदाज में कहते हैं कि एक न एक दिन तो सभी को बूढ़ा होना ही है । लेकिन बुढ़ापें की चिंता में समय से पहले ही बुढ़ा जाते हैं । जबकि इन देशों में 51 प्रतिशत बुढ़ापें का सामना करनें को तैयार नहीं हैं और 36 प्रतिशत ने तो अभी कुछ सोचा ही नहीं है बाकी इतनें बेफिक्र हैं कि जब जरूरत पड़ेगी तब सोचेंगें । तो अब बोलों क्या बोलते हों ? लग गई ना बुढ़ापें की चिंता ।
अरे नहीं मैं तो सोच रहा था कि यहां-वहां दिल लगानें वाले युवा समय से पहले बुढ़ा क्यों जाते हैं ? क्या मतलब ? तुम बीमा एजेंट हो गए हों या पेंशन प्लॉन बेच रहे हों ? अरे कभी दिल की बीमारी से डरातें हो कभी कैंसर से । जरा शरीर से कुछ मेहनत कराते रहों, इसे चलाते-फिराते रहों । बस किसी चीज का डर नहीं रहेगा । तो क्या आतंकवाद, बम-धमाकों और सड़क पर दुर्घटनाओं का डर भी खत्म हो जाएगा ? मुझे क्या पता ?
- अरविन्द पारीक
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें